कपिलेश्वर महादेव मंदिर-सारंगपुर
दिशाकालीसिंध नदी के बीच में बना कपिलेश्वर महादेव मंदिर अपनी अलौकिकता, प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिकता के लिए प्रसिद्ध और आस्था का केंद्र है।
इसकी विशेषता यह भी है कि नदी की तेज धार और हर साल आने वाली बाढ़ के बीच भी सुरक्षित रहता है , मंदिर वास्तु कला का अनूठा नमूना है। सैकड़ों वर्ष पूर्व बनाए गए इस मंदिर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बाढ़ का पानी आधे शिखर तक पहुंच जाता है।
मान्यता है कि मंदिर की इस चट्टान पर कपिल मुनि ने तपस्या की थी। उनके द्वारा ही शिवलिंग की स्थापना की गई थी। उनकी कपिला गाय के खुर पंजों के निशान आज भी चट्टान पर मौजूद हैं। मंदिर का जीर्णोद्धार 800 साल पूर्व देवास के महाराजा जीवाजी राव पंवार ने कराया था।
नदी के बीच व श्मशान भूमि के किनारे होने से इस मंदिर में जप और पूजन का महत्व किसी ज्योतिर्लिंगेश्वर से कम नहीं है। यहां कार्तिक की पूर्णिमा से 7 दिवसीय मेला लगता है। यहीं श्री बालाजी व नवग्रहों के साथ शनि मंदिर है। सोमवती तथा शनिश्चरी अमावस्या पर श्रद्धालु पहुंचते हैं।
मेला – उत्सव:- हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर कपिलेश्वर मंदिर के मैदान पर 7 दिवसीय मेला आयोजित किया जाता है |
फोटो गैलरी
कैसे पहुंचें:
वायु मार्ग
190 किलोमीटर भोपाल एयरपोर्ट से
ट्रेन द्वारा
4 किलोमीटर सारंगपुर रेल्वे स्टेशन से
सड़क मार्ग
3 किलोमीटर सारंगपुर से ( संडावता रोड )