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स्थानीय

दाल बाटी

दाल बाटी

प्रकाशन: 22/06/2019

दाल बाटी या बाफला जिले का पारम्परिक भोजन है जो शहरी एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्र में पसंद किया जाता है। यह अधिकतर भोजनालय , रेस्टोरेंट में आसानी से उपलब्ध हो जाता है।  दाल बाटी मध्य प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी लोकप्रिय है। इस व्यंजन में तुवर या मुंग दाल और गेहू के आटे […]

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गेहु

गेहूं

प्रकाशन: 22/06/2019

गेहूं जिले में उत्पादित रबी मौसम की मुख्य फसल है।

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सोयाबीन

सोयाबीन

प्रकाशन: 22/06/2019

सोयाबीन जिले में उत्पादित खरीफ मौसम की मुख्य फसल है।

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हतकरघा सारंगपुर

हाथकरघा

प्रकाशन: 22/06/2019

सारंगपुर जिला राजगढ़ में स्थित एक हाथकरघा बाहुल्य क्लस्टर है। जंहा पड़ाना ग्राम में अधिकांश बुनकर रहवास करते हे। सारंगपुर ऐतिहासिक रूप से भी भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध क्षेत्र है क्योंकि इस क्षेत्र में रानी रूपमती का मकबरा भी है। सारंगपुर (पड़ाना) में प्रमुख रूप से कोटा मसूरिया साड़ियों का उत्पादन होता था साथ ही […]

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जल मंदिर

नरसिंहगढ़ शहर

प्रकाशन: 31/05/2019

नरसिंहगढ़ शहर शहर करीब 300 साल पुराना है इसकी दीवान परसराम द्वारा 1681 में स्थापना की गई थी । शहर में सुंदर झील है जिसमें पुराना किला परिलक्षित होता है और महल मे अभी भी संस्थापक के नाम दिखाई देते है । यह शहर भोपाल से 83 किलोमीटर की दूरी पर है । शहर मे […]

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श्यामजी साँका मंदिर

श्यामजी साँका मंदिर-नरसिंहगढ़

प्रकाशन: 31/05/2019

श्यामजी साँका मंदिर-नरसिंहगढ़ साँका पार्वती नदी के पास स्थित एक छोटा सा गांव है यह राजगढ़ राज्य का तहसील मुख्यालय था, यह कोटरा से 5 किमी दूर है। माघ माह मे हर साल यहां एक मेला आयोजित किया जाता है और यह प्रसिद्ध मंदिर 16-17वी शताब्दी में राजा संग्राम सिंह (श्याम सिंह) की स्मृति मे […]

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दरगाह शरीफ

दरगाह शरीफ़ राजगढ़

प्रकाशन: 31/05/2019

दरगाह शरीफ़ राजगढ़ हज़रत बाबा बदख़्शानी र.अ. के नाम से मशहूर बुज़ूर्ग सूफ़ी (पीरे तरीक़त) जिनका आस्ताना (दरगाह शरीफ़) शहर राजगढ़ तहसील व जिला राजगढ़ मध्यप्रदेश में स्थित है। आपका नाम ’’शाह सैयद क़ुरबान अली शाह बदख़्शानी रहमतुल्लाह अलैह’’ है। आपका जन्म बदख़्शान जो के उस समय ख़ुद मुख़्तार इस्लामी सल्तनत थी (वर्तमान अफ़गानिस्तान में) […]

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जालपा  पहाड़ी

जालपा माता मंदिर-राजगढ़

प्रकाशन: 31/05/2019

जालपा माता मंदिर-राजगढ़ यह सुंदर मंदिर राजगढ़ से सिर्फ 4 किलोमीटर दूर है । यह ऊँची पहाड़ी पर है और ऊपर से शहर का एक सुरम्य दृश्य देख सकते हैं। यह घने जंगल मे पौधों की विभिन्न किस्मे है। भक्त नवरात्रि के मौसम में अलग-अलग हिस्सों से यह आते हैं। राजग़ढ पर करीब 550 साल […]

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